सुबह मेरी आँख पर पट्टी बांध चली जाती। सुबह मेरी आँख पर पट्टी बांध चली जाती।
चल फिर से हम बचपन वाला, वही आंख मिचोली का गेम खेलते हैं। चल फिर से हम बचपन वाला, वही आंख मिचोली का गेम खेलते हैं।
कहानी अधूरी रह गयी मोहब्बत हमारी जुदा हो गयी वो कहीं ओझल हो गयी आँखें भारी हो गयी कहानी अधूरी रह गयी मोहब्बत हमारी जुदा हो गयी वो कहीं ओझल हो गयी आँखें भारी ...
देखा नहीं उसने मेरी आँखों में झांक के वो नासमझ मुझे क्यों रुलाने में रह गया देखा नहीं उसने मेरी आँखों में झांक के वो नासमझ मुझे क्यों रुलाने में रह गया
जो एक पल में आँसू छलकाने की क्षमता रखता जब अपने कहते- और आना। जो एक पल में आँसू छलकाने की क्षमता रखता जब अपने कहते- और आना।
बस मैं और तुम एक दूजे के बहते आंसू पोंछते हो ! बस मैं और तुम एक दूजे के बहते आंसू पोंछते हो !